थारु भाषा सामाचार
मोरंग,२३ साउन –आईके नागपञ्चमी । प्रत्येक वर्ष साउन शुक्ल पञ्चमीके दिन मनारहल नागपञ्चमी पावैन आईके परम्परा अनुसार घर एगना निप पोईछके नाग देवताके दुध आ लबा चढावै छै तैहनङ्ग घरके मूलढोकामे नागको चित्र लगाके पूजा अर्चना कैरके मनारहल छै । आईके दिन घर एगना निप पोईछके नाग देवताके दुध आ लबा चढालासे बजर, आईगलागैके साथे साप, बिच्छीलगायत विषयुक्त जीवबाटे रक्षा पावैके शास्त्रीय मान्यता आ बिश्वास रहलछै । धार्मिक अनुसार वराह पुराणमे उल्ले छै की यै तिथिमे नागराजसँगे ब्रह्माके संवाद भेलासे आईको दिन नागपूजाकेलेल प्रसिद्ध भ्याल छै । आईके दिन आपन कुल नागथानमे विशेष रूपमे पूजा कैरके खीर, रोटी,दुध,लवा लगायतके प्रसाद चढावै छै । यकर उपलक्ष्यमे पशुपतिके वासुकी, नागपोखरी, टौदह लगायतके स्थानमे मेला लागै छै ।